पलामू : आदिवासी शहीद लड़ाका वीर योद्धा,राजा खानदान के वंशज आज जलालत के जिंदगी जीने पर मजबूर है। इस जलालत की जिंदगी से निकालने उबारने और बेहतर जिंदगी गढ़ने के लिए भारतीय संसद न जाने कितने पॉलिसी बनाए जो गिना नहीं जा सकता है। इन्हीं आदिवासियों में से एक महाप्रतापी राजा राजा मेदिनीराय हुए, जिनके शासन काल में दूध दही कि नदियां बहती थी, बावन गली तीरपन बाजार लगता था। कहावत प्रचलित है धनी- धनी राजा मेदनीयाँ घर -घर बजे मल्हनियां।आज इन्हीं के याद में पलामू किला के निकट कुछ ही किमी की दूरी पर आदिवासियों के विकास के लिए सरकारी स्तर पर राजकीय मेला का आयोजन होता है। इस मेले का नाम राजकीय आदिवासी विकास महाकुंभ दिया गया। फरवरी के 11,12 तारीख को दो दिवसीय मेला लगता है। हर साल की भांति इस साल भी मेला में बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुआ। मेला कमिटी बा - इज्जत मंच तक लाए और स्वागत किए। राजकीय आदिवासी विकास महाकुंभ मेला के मुख्य अतिथि सूबे के वित्तमंत्री राधा कृष्ण किशोर व समाज कल्याण मंत्री चमरा लिंडा जी को झारखंड माटीकला बोर्ड के उत्कृष्ट उत्पाद मिट्टी से बना झारखंड का प्रतीक चिन्ह एवं अंगवस्त्र देकर स्वागत किए। चेरो राजवंश के प्रतापी राजा मेदिनीराय के आदम कद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किए। मेला में लगे स्टॉल का मुआयना किए और पलास मार्ट में S H G के दीदियों द्वारा निर्मित दैनिक उपभोग कि वस्तुएं खाद्य सामग्री का खरीददारी किए। हमे पूरा भरोसा है प्रकृति पूजक आदिवासियों को न हिंदू बनाया जाए न ईसाई बनाया जाए बल्कि आदिवासी ही रहने दिया तो पुरानी ताकत के साथ देश भर में फिर एक नया उभार आएगा। हम सरकार से आग्रह किया करते हैं आदिवासियों को सरना कोड दिया जाए और पेसा कानून को प्रभावशाली तरीके से लागू कर सबल बनाया जाए। मेरे ख्याल से दुबीयाखाड़ में एक विश्वविद्यालय बना कर रिसर्च का नया दरवाजा खोला जा सकता है जहां आदिवासी बच्चे अपने लड़का पुरखे पर शोध कर सकेंगे। पलामू की धरती मुगल अंग्रेज से लेकर आज सामंत जमींदार से लड़ते अपना शहादत दिया है। जरूरत है तलाशने और खोज करने की। यह मेला का समय विस्तार कर अगर दो दिन और बढ़ा दिया जाए और देश भर के आदिवासियत रहन सहन खानपान पहनावा ओढावा कला खेल संस्कृति का संगम हो तो महाकुंभ शब्द सार्थक होगा और पलामू को वैश्विक पहचान मिलेगा राजस्व की प्राप्ति भी होगी,यहां के लोग में बदलाव आएगा।आने वाला दिन यह मेला आदिवासियों को इबादत लिखेगा।
Tags
पलामू