झारखंड के विभिन्न जिलों में पत्रकारों पर दर्ज हो रहे मामलों की सीआईडी जाँच और राज्य में पत्रकार सुरक्षा विषय को लेकर बुधवार को एआईएसएम जर्नलिस्ट वेल्फेयर एसोसिएशन के संताल परगना प्रमंडलीय अध्यक्ष राकेश चंदन ने राज भवन रांची में राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की। इस दौरान राकेश ने राज्यपाल को बताया कि राज्य में पत्रकारों पर दर्ज हो रहे झूठे मुकदमों और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के विषय को लेकर हमारी एसोसिएशन लगातार झारखंड सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने का काम कर रही है, किंतु दुखद है कि सरकार न तो पत्रकारों पर दर्ज फर्जी मुकदमों पर ध्यान दे रही है और न ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की दिशा में कोई सार्थक पहल हो रही है.
केवल संताल परगना प्रमंडल में ही लगभग दो दर्जन पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं. इतना ही नहीं राज्य के पत्रकारों का कई वर्षों से अधिमान्यता से संबंधित आवेदन भी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में लंबित रखा गया है, लेकिन विभाग इसपर ध्यान नहीं दे रहा है. कुछ पत्रकारों का बिना किसी ठोस कारण के अधिमान्यता रद्द कर संबंधित पत्रकार को सूचित न करना भी जनसंपर्क विभाग की कार्यशैली का हिस्सा बन चुका है. झारखंड में पत्रकार अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. राज्य के पत्रकारों को न बीमा और न आवास की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने कोई पहल की है जब कि इस मामले पर भी एसोसिएशन लगातार आंदोलनरत है. कई पत्रकार तो ईलाज के अभाव में और दर्जनों कोरोनाकाल में दम तोड़ चुके हैं और बगैर सरकारी सहायता के उनके आश्रितों को भूखों मरने की नौबत आने वाली है. अगर सरकार चाहे तो अनुबंध पर भी परिवार के एक आश्रित को रोजगार दे सकती है और यही कार्य जिला उपायुक्तों के माध्यम से भी हो सकता है। इस दौरान राज्यपाल ने सभी बिंदुओं को बारीकी से सुनने के बाद कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के स्तंभ हैं, सभी बिंदुओं से राज्य सरकार को उनके स्तर से अवगत कराया जाएगा।