आम के हरे पेड़ से धरती और मरे (सुखी) पेड़ से मुक्त होता है ब्रह्मांड का प्रदूषण : डॉ.कौशल |Jaiswal Timber New Establishment Complex


बड़े पैमाने पर आम के पौधे नहीं लगे तो घी से भी महंगा मिलेगा आने वाले पीढ़ी को आम का लकड़ी 

डाल्टनगंज शहर के रांची रोड रेडमा दो नंबर टाउन में टीवीएस शोरूम के निकट जायसवाल टिंबर नए प्रतिष्ठान परिसर में पर्यावरणविद डॉ,कौशल किशोर जायसवाल, डाली बाजार पंचायत के मुखिया पूनम जायसवाल, जायसवाल टिंबर के प्रोपराइटर अरुण कुमार जायसवाल व छतरपुर पूर्वी के जिला पार्षद अमित कुमार जायसवाल के साथ संयुक्तरूप से  छठ व्रतियों के बीच आम की सुखी लकड़ियां वितरित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 
पर्यावरण धर्म गुरु डॉ,कौशल किशोर जायसवाल ने आम की लकड़ियों को वितरीत  करते हुए कहा कि अगर अभी से ही लोग आम के पौधे पर्याप्त मात्रा में नहीं लगाएंगे तो एक दिन ऐसा वक्त आयेगा कि लोगों को इस धार्मिक अनुष्ठान के लिए घी से भी ज्यादा कीमत आम की लकड़ी को देना होगा। क्योंकि आम का हरा पेड़ से धरती और आम का सूखा पेड़ जलाने (हवन)से ब्राह्मणड तक प्रदूषण मुक्त होता है । जायसवाल टिंबर ने शहरवासियों को  पिछले 30 वर्षों से दीपावली की सुबह से छठ  पूजा के खीर भोजन तक दो से तीन ट्रक प्रति वर्ष आम की  सूखी लकड़ियां दान करते आ रहे हैं। इसके साथ ही वे अपनी जन्म भूमि छतरपुर के ग्राम डाली बाजार में पूजा सामग्री के साथ व्रतियों को साड़ी -धोती पूर्वजों से दान करते आ रहे हैं । जायसवाल टिम्बर के प्रोपराइटर
अरुण कुमार ,  जिला पार्षद अमित कुमार और मुखिया पूनम जायसवाल का मानना है कि  गरीब से गरीब लोग छठ पूजा करें। उन्हें इस अवसर पर आम की लकड़ी महंगे दामों पर ना खरीदना पड़े। इसी उद्देश्य से  पूजा को लेकर जायसवाल टिंबर के प्रोपराइटर अरुण कुमार जायसवाल और छतरपुर पूर्वी से जिला परिषद अमित कुमार जायसवाल ने उड़ीसा, छत्तीसगढ़ से सुखी हुई आम की लकड़ी खरीद कर पर्व के लिए  इकट्ठा करते  है । उसे ही छठ पूजा में व्रतियों के बीच वितरण किया जाता है।  
छठव्रतियों के बीच आम की लकड़ियां वितरित करने  में बसंत सिंह,  अनुज कुमार,  गोपाल राम , मुनेश्वर मांझी,  शमीम अंसारी , गोरख चौरसिया, संतोष मेहता, परमानंद मंडल,संतोष प्रजापति, रामू कुमार,की भूमिका भी सराहनीय रही। मौके पर मिठ्ठू सिंह, डॉ साली बाहन,शालीवाहन, आयुष, विकास, गौतम, पीयूष, अभिषेक राजू खान समेत कई गणमान्य लोग व छठ व्रती उपस्थित थे।

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