आम के हरे पेड़ से धरती और मरे (सुखी) पेड़ से मुक्त होता है ब्रह्मांड का प्रदूषण : डॉ. कौशल |Environmentalist Dr. Kaushal Kishor


डॉ. कौशल ने क्षेत्र के लोगों की सुख शांति के लिए भगवान भास्कर को दिया अर्घ्य

उत्तरप्रदेश के कोन थाना के पांडव नदी के पावन छठ घाट पर उपस्थित विश्व व्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्म गुरु व वनराखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद डॉ,कौशल किशोर जायसवाल और डाली बाजार पंचायत के मुखिया सह बीपीएसए प्रधान सचिव पूनम जायसवाल ने छठव्रतियों के साथ पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। पर्यावरणविद डॉ कैशल ने 
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के कोन थाना अंतर्गत संस्था के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल और छठ व्रततीयों के साथ पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ आम का पौधा लगाकर उन्हें पर्यावरण धर्म के आठ मूल ज्ञान मंत्रो की शपथ भी दिलाई। पर्यावरण धर्म गुरु डॉ,कौशल ने उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हुए छठ पूजा में आम की लकड़ी की विशेषता के बारे में बताते हुए कहा कि अगर अभी से ही लोग आम के पौधे पर्याप्त मात्रा में नहीं लगाएंगे तो एक दिन ऐसा वक्त आयेगा कि लोगों को इस धार्मिक अनुष्ठान के लिए घी से भी अधिक कीमत पर आम की लकड़ी खरीदना पड़ेगा।  उन्होंने कहा कि पहले के राजा महाराजा आम के बगीचा लगते थे परंतु प्रकृति के नियम परिवर्तन के अनुसार पुराने वृक्ष आम का समाप्त होते जा रहे हैं । इसलिए नए पौधे लगाना अत्यंत जरूरी है। मौके पर संस्था के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल,अंजली देवी, डॉ नंद गोपाल, चंद्रगोपाल, वर्षा रानी, रिया रानी, डॉ पदम जायसवाल, डॉ अभिषेख,पुष्पा देवी, विद्यासागर जायसवाल, आशा देवी, अरविंद, आशिश,संतोष प्रजापति उपस्थित थे।

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