-भारत सरकार की ओर से नई दिल्ली में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत के बाद जिला प्रशासन ने अग्रगति के सहयोग से किया रैलियों व शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन
-कार्यक्रम में मौजूद जिलाधिकारी प्रकाश कुमार (जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी), K.D पासवान, (जिला संरक्षण पदाधिकारी), मो० तबरेज खान (यूनिसेफ़), अनीता देवी, (जिला परियोजना प्रबंधक), अमित कुमार (चाइल्डलाइन), प्रणव कुमार (बाल कल्याण समिति) एवं स्कूल के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को बाल विवाह मुक्त बनाने का दिलाया संकल्प
अग्रगति बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के देशव्यापी गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन है।
भारत सरकार के नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के उद्घाटन के मौके पर जिला प्रशासन ने पलामू बाल विवाह के खिलाफ काम कर रहे गैरसरकारी संगठन अग्रगति के साथ मिलकर जागरूकता रैलियों का आयोजन किया और लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई। अग्रगति सहित बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 400 से भी ज्यादा जिलों में काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी सदस्य है।
इस मौके पर पिछड़ी आवासीय विद्यालय, कोलवा में हुए समारोह में जिलाधिकारी मो० तबरेज खान (यूनिसेफ़), एवं K.D पासवान, (जिला संरक्षण पदाधिकारी), ने जिला के सभी ICDS कर्मी, शिक्षक, समाज कर्मी एवं विभिन्न गैर सरकारी संगठन के पदाधिकारी, स्कूली बच्चों, महिलाओं और पंचायत प्रतिनिधियों व अन्य को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई। जिले में जगह-जगह हुए कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, पंचायत प्रतिनिधियों, आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, बाल विवाह निषेध अधिकारी (सीएमपीओ) के अलावा बाल विवाह पीड़िताओं ने भी भागीदारी की और बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली।
यह कार्यक्रम देश से बाल विवाह के खात्मे के लिए भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत’ के आह्वान के समर्थन में किया गया, जिसका उद्घाटन 27 नवंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने किया। दौरान उन्होंने पंचायतों और स्कूलों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई। उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही शपथ लेने वालों की संख्या 25 करोड़ तक पहुंच जाएगी। इस मौके पर बाल विवाहों की सूचना व शिकायत के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल भी शुरू किया गया।
इस मौके पर जिलाधिकारी मो० तबरेज खान (यूनिसेफ़), एवं K.D पासवान, (जिला संरक्षण पदाधिकारी), ने कहा, “महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यक्रम का आयोजन हुआ है, आज के कार्यक्रम का मकसद पलामू जिला को हम सब मिलकर बाल विवाह मुक्त बनाएंगे, यदि 18 वर्ष से कम का लड़का एवं 21 वर्ष से पहले लड़का की शादी करना या उसमे शामिल होना कानूनन एवं दंडनीय अपराध है, यदि कहीं भी बाल विवाह होते हुए या करते हुए देखे तो तुरंत चाइल्डलाइन का हेल्प लाइन नंबर 1098 पर पुलिस को या अपने नजदीकी गैर सरकारी संगठन (अग्रगति) को जानकारी दें।“
इस राष्ट्रव्यापी अभियान और जमीन पर इसके असर की चर्चा करते हुए अग्रगति के निदेशक श्री किरण शंकर दत्त ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बाल विवाह के खात्मे के लिए महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया अभियान इस बात का सबूत है कि सरकार इस सामाजिक बुराई की गंभीरता से अवगत है। आज भी देश में 23 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों का बाल विवाह होता है जो न सिर्फ जीवनसाथी चुनने के उनके अधिकार का हनन है बल्कि इससे लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ रोजगार और आर्थिक निर्भरता की उनकी संभावनाओं पर भी बेहद बुरा असर होता है। सरकार की योजना इस अभियान में सभी हितधारकों को साथ लेकर चलने की है और ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन होने के नाते हम इसमें पूरी तरह साथ हैं। वर्षों से बाल विवाह के खिलाफ काम करने के नाते हम भली भांति जानते हैं कि समग्र और समन्वित प्रयासों के बिना यह लड़ाई नहीं जीती जा सकती। लेकिन अब हमें विश्वास है कि सरकार और नागरिक समाज के साझा प्रयासों से भारत 2030 से पहले ही बाल विवाह के खात्मे के लक्ष्य को हासिल कर सकता है।”
अग्रगति ने पलामू जिला के स्कूलों/कॉलेजों मे छात्र-छात्राओं, पंचायत के प्रतिनिधि, रेलवे सुरक्षा बल, किशोरी समूह, इत्यादि को शपथ दिलाई गई जिसमे पलामू जिला के सभी प्रखंडों मे साइक्लोथॉन, शपथ, मशाल जुलूस, कैन्डल मार्च इत्यादि कार्यक्रम का आयोजन कर बाल विवाह मुक्त भारत बनाने का संकल्प लिया।
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