किसी भी प्रकार की चुनाव संबंधी जानकारी को सार्वजनिक करने से पूर्व समाचार पत्र, टीवी चैनल अथवा मीडिया के अन्य माध्यम तथ्यों को पूरी तरह से जांच कर लें : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी |Election Commission of India


झारखंड।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार ने कहा है कि किसी भी प्रकार की चुनाव संबंधी जानकारी को सार्वजनिक करने से पूर्व समाचार पत्र, टीवी चैनल, रेडियो, सोशल मीडिया अथवा मीडिया के अन्य माध्यम तथ्यों को पूरी तरह से जांच कर लें। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की संशय की स्थिति में भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की ऑफिसियल वेबसाईट पर दिशा निर्देश उपलब्ध है । इसके साथ सोशल मीडिया के माध्यम से भी दिशा निर्देशों के अनुपालन से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराया जाता है।  

सोशल मीडिया के बढ़ते महत्व को देखते हुए चुनाव आयोग ने अपने अनुदेश दिनांक 25 अक्टूबर 2013 के माध्यम से चुनाव प्रचार के दौरान सोशल मीडिया के उपयोग से संबंधित निर्देश जारी किए हैं। 

जिसके मुख्य बिंदु निम्न हैं:-

1) सोशल मीडिया को 'इलेक्ट्रॉनिक मीडिया' की श्रेणी में परिभाषित किया गया है। इस प्रकार सोशल मीडिया पर किए जाने वाले सभी राजनीतिक विज्ञापन प्री-सर्टिफिकेशन (पूर्व-प्रमाणीकरण) के दायरे में आते हैं।

2) नामांकन के दौरान प्रत्याशी को नामांकन के समय प्रपत्र -26 में अपने प्रमाणिक (authentic)  सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी प्रदान करनी है।

3) प्रत्याशी और राजनैतिक दलों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जाने वाले राजनीतिक विज्ञापन, सोशल मीडिया अकाउंट को संधारित करने, प्रचार-सामग्री बनवाने एवं उनके सोशल मीडिया के लिए काम करने वाले कर्मियों के वेतन पर आने वाले खर्च को प्रत्याशी के चुनाव-खर्च में शामिल किया जाएगा।

4) प्रत्याशी और राजनीतिक दलों के लिए यह आवश्यक है कि इंटरनेट आधारित मीडिया-प्लेटफॉर्म या मीडिया-वेबसाइट पर किसी राजनीतिक विज्ञापन को जारी करने से पहले प्री-सर्टिफिकेशन (पूर्व-प्रमाणीकरण) प्राप्त करें।

5) भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता एवं संबंधित अन्य निर्देश प्रत्याशी या राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों एवं प्रयुक्त की जाने वाली सभी प्रचार सामग्री पर भी लागू हैं।

किसी भी अस्पष्टता को दूर करने हेतु आयोग ने पुनः पत्रांक 491/SM/COMM/ 2013 दिनांक 16 अप्रैल 2014 द्वारा स्पष्ट किया है कि ई-पेपर पर प्रकाशित होने वाले सभी राजनीतिक विज्ञापनों पर प्री-सर्टिफिकेशन (पूर्व-प्रमाणीकरण) आवश्यक है।

आयोग द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि ब्लॉग / सेल्फ अकाउंट वेबसाईट/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किए जाने वाला कोई पोलिटिकल कंटेंट जो मैसेज/ कमेंट्स/ फोटो/ वीडियो के रूप में हों, राजनैतिक विज्ञापनो की श्रेणी में नहीं आएंगे।

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