भूमि अधिग्रहण के बदले रैयतों के मुआवज भुगतान में भेदभाव व अनियमितता नहीं बरतें एनएचआई : दीपक |Deepak met the Raiyat of Chianki Mauza


झामुमो के युवा नेता दीपक तिवारी ने आज पलामू जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत चियांकी पंचायत का भ्रमण कर स्थानीय ग्रामीणों/रैयतों से मुलाकात की। चियांकी मौजा के रैयतगणों ने उनके समक्ष मुआवजा राशि का कम भुगतान किए जाने संबंधी अपनी समस्याएं रखीं। रैयतों ने अपनी-अपनी भूमि की रसीद एवं अन्य कागजातों को दिखाते हुए भूमि की प्रकृति/नेचर आवासीय होने के बावजूद कृषि दर से भुगतान की प्रक्रिया किए जाने की जानकारी दी। स्थानीय लोगों ने बताया कि भूमि की प्रकृति में बदलाव कर मुआवजा राशि कम दिया जा रहा है,  जो बिल्कुल ही ग़लत है।
 
श्री तिवारी ने रैयतोंगणों की समस्या को गंभीरता पूर्वक सुना। उन्होंने पलामू प्रमंडल क्षेत्र अंतर्गत राष्ट्रीय उच्च पथ (एन.एच) के निर्माण एवं चौड़ीकरण कार्य में रैयतों की भूमि अधिग्रहण के बदले उन्हें मिलने वाली मुआवजा राशि के भुगतान में भेदभाव व अनियमितता का आरोप लगाया है। उन्होंने केंद्र सरकार एवं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण प्रबंधन पर कड़ी नाराजगी जताते हुए गरीब विरोधी करार दिया। 

झामुमो नेता दीपक तिवारी ने रैयतों को साथ देने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि भोगू से शंखा तक एन.एच के निर्माण एवं चौड़ीकरण कार्य में भूमि अधिग्रहण के दौरान मुआवजा का आकलन गलत तरीके से नहीं किया जाए। मुआवजा भुगतान में एनएचआई अनियमितता एवं भेदभाव नहीं करें। इससे रैयतों को उनके भूमि का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, जो दु:खद है। उन्होंने रैयतों की मांगों से उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए समस्या समाधान की दिशा में सार्थक प्रयास करने का आश्वासन दिया।

दीपक तिवारी ने मुआवजा भुगतान को लेकर खड़े किए सवाल:-

श्री तिवारी ने भूमि अधिग्रहण एवं उसके एवज में रैयतों को मुआवजा भुगतान को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि सड़क का सर्वे  से लेकर सभी कागजातों में भूमि की प्रकृति आवासीय दर्शाया गया है, परंतु अंतिम चरण में कृषि दर से भुगतान क्यों किया जा रहा है?, 
एक ही भूमि पर दुकान एवं मकान बने हैं। मकान का मुआवजा भुगतान किया भी जा रहा है, लेकिन उस भूमि की प्रकृति आवासीय के स्थान पर कृषि योग्य बताकर भुगतान क्यों?

एक भूमि से सटे दूसरी भूमि का पूर्व में आवासीय बताकर उसी दर पर भुगतान किया जा रहा, जबकि एक भूमि को कृषि योग्य बताकर भुगतान की प्रक्रिया क्यों?

भारत सरकार द्वारा आवासीय एवं कृषि योग्य भूमि का अलग-अलग आकलन किया गया है, इसके के बावजूद एक पदाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद अंतिम चरण में आवासीय दर को काटकर क़ृषि योग्य भूमि का भुगतान की प्रक्रिया क्यों?

श्री तिवारी ने बिरेंद्र प्रसाद, संतोष कुमार, मुकेश कुमार, देवंती देवी, बिजय महतो सहित 23 से अधिक रैयतगणों से मुलाकात की। श्री तिवारी के साथ महताब खान, प्रमोद यादव, विकास तिवारी सहित अन्य लोग शामिल थे।

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