पलामू में तीज त्योहार धूमधाम से मनाया गया |Women kept fast on Haritalika Teej


पलामू।
सुहाग की रक्षा व अखंड सौभाग्यवती के लिए मेदिनीनगर में शुक्रवार को महिलाओं ने हरितालिका तीज का व्रत रखा। महिलाओं ने निर्जला व्रत धारण कर भगवान शिव माता पार्वती व भगवान श्री गणेश की पूजा- अर्चना अपने घर व नजदीकी मंदिरों में किया। पति के दीर्घायु एवं घर-परिवार में सुख-शांति, समृद्धि की कामना की। सुहागिन महिलाएं नये-नये वस्त्र पहन, पूरे श्रृंगार के साथ अपने-अपने पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए 24 घंटा का निर्जला उपवास रखा।अहले सुबह 4 बजे से ही महिलाएं पूजा की सामग्री पेड़कियां बनाने में जुटी रही. सुहागिन महिलाएं शिव जी के मंदिर में मां पार्वती और शिवजी की विधि-विधान से पूजा अर्चना की. सुख-सौभाग्य की कामना की. ऐसी मान्यता है कि 108 जन्मों की लंबी अवधि के बाद और देवी पार्वती की कठोर तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने आखिरकार देवी पार्वती को भाद्र पद की तृतीया तिथि को अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया था. इसी उपलक्ष्य में सुहागिन महिलाएं तीज व्रत रखती है।
वही पंडित मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि हरतालिका तीज का व्रत निर्जला होता है. इस दिन पानी का भी सेवन नहीं किया जाता है. साथ ही इस व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद होता है. ऐसे में इस दिन गलती से भी अन्न जल ग्रहण नहीं करना चाहिए. 12 वर्षों से हरतालिका तीज का व्रत करने वाली आरती कुमारी ने बताया कि यह व्रत कठिन तपस्या है. इसमें 24 घंटे के लिए निर्जल व्रत रखा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार अगर आपने हरतालिका व्रत को करना शुरू कर दिया, तो इसे हर साल रखना चाहिए. बीच में व्रत न छोड़ें. हर साल यह व्रत पूरे विधि-विधान से करना चाहिए।उन्होंने बताया कि हरियाली तीज जीवन मे प्रेम स्नेह की सुगंध और आपसी समन्वय के उत्साह का प्रतीक है. आज के दिन महिलाएं भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा अर्चना कर अखंड सुहाग का वरदान मिलने और अपनर पति की दीर्घायु एवं सुख समृद्धि की मनोकामना करती है।

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