डॉक्टर राहुल अग्रवाल व उनकी टीम ने मौत से बचाई दो जिंदगियां |Shree Narayan Multi Specialty Hospital


डॉक्टर राहुल अग्रवाल का हॉस्पीटल ने आज दो दुर्लम उपलब्धिया अर्जित की है। दरसल ब्रेन इजूरी के मामले में दो आलग-अलग मरीज शहर के प्रतिष्ठित श्री नारायणी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पीटल में सीरियस कंडीशन में दाखिला लिया। पहला मरीज गढ़वा जिले के भवनाथपुर थाना अंतर्गत धाम कैलान के अखिलेश प्रजापति की पत्नी शाति देवी है और दूसरा कजरू विश्रामपुर के घासीदान निवासी इसरी राम के पुत्र सुदामा राम है। शांति देवी ब्रेन के संक्रमण से इतनी परेशान थी कि वे पहले आईसीयू में गयी उसके बाद डॉक्टरों की पूरी टीम ने रिसर्च करके उनके ब्रेन के अंदर की खामियों को ठीक किया यानी ऑपरेशन शत-प्रतिशत सफल हुआ। बहरहाल शांति देवी खतरे से बाहर है तथा दावा करते है कि अब इन्हें कम से कम ब्रेन रिजिज से किसी तरह का कुप्रभाव नहीं पड़ेगा और वे जिलागी पूरे ही स्वस्थवर्द्धक मुद्रा में शालीनता में जी सकेंगी। माहीं. सुदामा राम भी ब्रेन के शिकार हो गए थे। उनका भी नेतृत्व में गहित डॉक्टरों की बड़ी टीम द्वारा ऑपरेशन किया गया। यह भी ऑपरेशन पूरी तरह से सफल साबित हुमा है। गुटामा भी खातने के जोनसे बाहर जा चुके है। इस तरह डालटनगंज का नामी-गिरामी श्री नारायण मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पीटल में आज दो जिन्दगियों को बचाया डॉक्टर राहुल अग्रवाल बताते है कि उपरोक्त दोनों मरीजों के ब्रेन का अलॉट कर चुका था और ऐसी स्थिति में अमुमन जान चली जाती है। समय रहते मरीज का सफल ऑपरेशन करन में जाने की को हटाया गया है और तकरीबन 100 ग्राम वाले इस बेग को फिलहाल ऑपरेशन के जरिए पेट के एक कोने में रखा गया है। लगभग एक महीना के बाद उन की खोपड़ी को इन के स्थान पर ऑपरेशन के माध्यम से शिपट कर दिया जायेगा। पूछे जाने पर डॉ. राहुल अग्रवाल ने यह भी बताया कि ब्रेन के इस पार्ट को पेट में रखने से कोई खतरा नहीं है और जब भी ब्रेन का ऑपरेशन होता है तो खोपड़ी को पेट में ही रखा जाता है। इस तरह से हम कह सकते हैं कि डालटनगंज जैसे छोटे जगह पर भी वह हर कुछ संभव है । जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर पाते। कुल मिलाकर देखे तो इस तरह के दुर्लभ उदाहरण 'श्री नारायण मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पीटल पलाम. वासियों के लिए एक बड़े गौरव को बढ़ाती है और बताती है कि यह हॉस्पीटल पलामू के लिए लाईफ लाईन है।

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