सी.पी.आर. जीवनरक्षक प्रक्रिया,प्रशिक्षण से बढ़ेगा आत्मविश्वास : भू-अर्जन,भू-अभिलेख एवं परिमाप विभाग |On behalf of the District Administration and Lions Club of C.P.R. Training


पलामू।
सी.पी.आर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) आपातकालीन जीवनरक्षक प्रक्रिया है। हृदय की धड़कन रूकने की स्थिति में सी.पी.आर. की प्रक्रिया की जाती है। सी.पी.आर. प्रक्रिया की प्रशिक्षण से लोगों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। प्रशिक्षण से आमजनों में जागरूकता आयेगी, तो वे दूसरों को भी बताएंगे। इससे समाज को स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी। यह बातें भू-अर्जन, भू-अभिलेख एवं परिमाप विभाग के निदेशक श्री भोर सिंह ने कही। वे आज पलामू जिला प्रशासन एवं लायंस क्लब ऑफ मेदिनीनगर के संयुक्त तत्वाधान में टाउन हॉल में आयोजित सी.पी.आर. प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस आयोजन के लिए जिला प्रशासन के पदाधिकारियों एवं लायंस क्लब के सदस्यों को बधाई दी। 

हॉर्टिकल्चर के निदेशक एवं सी.पी.आर. ट्रेनर डॉ. फैज अहमद ने कहा कि कार्डियेक अरेस्ट के बाद तत्काल सी.पी.आर. से बचने की अत्यधिक संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक कार्डियेक अरेस्ट व्यक्ति के घर में ही होती है। प्रशिक्षण से लोगों में जागरूकता आएगी। इसके बारे में सभी को जानकारी देते हुए लोगों को बचाने का काम करें। 

पलामू उपायुक्त श्री शशि रंजन ने कहा कि सी.पी.आर. की जागरूकता हेतु अनुमंडल स्तर पर प्रशिक्षण कराया जाएगा। इसे हर स्तर पर ले जाया जायेगा ,ताकि स्वस्थ पलामू का सपना साकार हो सके।  उन्होंने कहा कि हर्ट अटैक की घटना में वृद्धि देखने को मिल रही है। सी.पी.आर. प्रक्रिया से मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समाज में इसकी जागरूकता जरूरी है। विशेषकर युवा पीढ़ी को सीखने/जानने की जरूरत है। मास्टर ट्रेनर बनाकर सभी को प्रशिक्षण दिलाने के प्रयास से समाज को स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी में किसी की जान बचाने के लिए यह तकनीक बहुत ही ज्यादा उपयोगी साबित होती है। 

सिविल सर्जन डॉ. अनिल सिंह ने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति का सांस/दील की धड़कन रूक जाने की स्थिति में सी.पी.आर. आपातकालीन उपचार है। उन्होंने कहा कि 70% कार्डियेक अरेस्ट व्यक्ति को घर में ही होता है। सी.पी.आर. प्रक्रिया के माध्यम से चिकित्सक तक पहुंचने में मदद मिलेगी और व्यक्ति की जान बचने की संभावना रहती है। इससे मृत्यु दर में कमी आएगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन करते हुए लायंस क्लब ऑफ मेदिनीनगर के *अध्यक्ष डॉ. प्रवीण सिद्धार्थ* ने पलामू के सिविल सर्जन डॉ. अनिल सिंह के साथ मिल कर गोल्डन ऑवर इन ट्रॉमा में  सी.पी.आर. देने के तरीके के साथ- साथ बच्चों में सांस रुकने की स्थिति में सी.पी.आर. देने की विधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस प्रक्रिया को अच्छे से समझाने के लिए कई टेबलों पर डॉक्टरों की टीम द्वारा लोगों को सी.पी.आर. देने के तरीके को दिखाते हुए सिखलाया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अभय कुमार ने बच्चों में कार्डियेक अरेस्ट होने पर सी.पी.आर. देने की विधि बताया।

अध्यक्ष डॉ प्रवीण सिद्धार्थ ने सी.पी.आर. की आम जीवन में उपयोगिता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि अक्सर बुजुर्ग, दिल के मरीज या दुर्घटनाओं के शिकार लोग जानकारी के अभाव में दम तोड़ देते हैं। सी.पी.आर. की ट्रेनिंग से हरेक कीमती जान को समय रहते बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता एवं जान बचाने में इसके महत्व को देखते हुए लायंस क्लब ऑफ मेदिनीनगर ने यह प्रण किया है कि आने वाले समय में एक लाख लोगों को सी.पी.आर. की ट्रेनिंग दी जाएगी।‌

प्रशिक्षण कार्यक्रम के मौके पर रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। वहीं डॉक्टरों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही सी.पी.आर. के संबंध में लोगों को जागरूक करने के लिए शपथ दिलाई गई। 

मासूम आर्ट ग्रुप के कलाकारों ने नाटक के माध्यम से कार्डियेक अरेस्ट की स्थिति में सी.पी.आर. की प्रक्रिया करते हुए गोल्डन आवर में अस्पताल पहुंचाने की प्रक्रिया को प्रदर्शित किया, जिसका सभी ने सराहना की। 

प्रशिक्षण कार्यक्रम में डी.पी.आर.ओ. डॉ. असीम कुमार, नजारत उपसमाहर्ता विक्रम आनंद, जिला कल्याण पदाधिकारी सेवा राम साहू, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नीता चौहान सहित जिला प्रशासन के अन्य पदाधिकारी, रेड क्रॉस सोसायटी के डॉ. सत्यजीत कुमार सहित डॉ. विजय कुमार सिंह, डॉ. गौरव विशाल, डॉ. रविश कुमार, डॉ. अभय कुमार, डॉ. उदय सिंह, डॉ. अमित, डॉ. भास्कर , डॉ. निशांत कुमार ,डॉ. विनीत कुमार, डॉ. अभिनव ,डॉक्टर सृष्टि गुंजन, लायंस लिली मिश्रा सहित बड़ी संख्या में सहिया, नर्सिंग कॉलेज के बच्चे, स्कूलों के बच्चे और आम लोग उपस्थित थे।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने