शिक्षक के हाथों में सृष्टि एवं प्रलय पनपती है। शिक्षक खुद को जलाकर अपनी रौशनी इस रूप में बिखेरता है, जहां से समाज एवं राष्ट्र के कर्णधार का निर्माण करता है। ये बातें कही हैं चियांकी डीएवी स्कूल के प्राचार्य डॉ जी एन खान ने, जब इंडियन रोटी बैंक की सेवादार टीम ने शिक्षक दिवस पर उन्हें सम्मानित किया। आईआरबी द्वारा संचालित उड़ान एजुकेशन स्क्वाड के कर्ताधर्ता सेवादार दीपक तिवारी, विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय समाजसेवी अभिमन्यु सिंह, सेवादार परवेज अख्तर, महताब खान ने प्राचार्य डॉ जी एन खान को शिक्षक दिवस पर शुभकामनाएं दी। साथ ही झारखंड जोन में चियांकी डीएवी स्कूल का परचम लहराने पर धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर स्थानीय सेवादारों के हाथों सम्मानित हुए प्राचार्य डॉ खान ने शिक्षा के क्षेत्र में नौनिहालों के लिए और अधिक उर्जा से काम करने का भरोसा दिया। साथ ही बताया कि दीपक तिवारी के नेतृत्व में संचालित निशुल्क डिजिटल क्लास सेवा का अनोखा तरीका है, जिससे बुद्धजीवी वर्ग प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन ने शिक्षक दिवस को मनाने की परंपरा का शुभारंभ ही इस उद्देश्य के साथ किया था कि शिक्षक को उसका कर्तव्य याद रहे। किसान हो या इंजिनियर, डॉक्टर हो या प्रोफेसर बिना शिक्षक के उनका बनना संभव नहीं है। हर विद्यालय एवं वहां कार्यरत शिक्षकों को इस राह पर चलना चाहिए कि शिक्षा लेने आइए और सेवा देने जाइए।
वहीं इंडियन रोटी बैंक के राष्ट्रीय उप प्रभारी दीपक तिवारी ने कहा कि डॉ खान के आगमन के उपरांत डीएवी में पठन पाठन में कार्यरत शिक्षक हों या छात्र उनका सर्वागिण विकास हुआ है। उनकी शिक्षण पद्धति काबिले-तारीफ है, जिसका लाभ पलामू के विद्यार्थियों को मिला है। शिक्षक समाज हमारे प्रेरणास्रोत हैं, हम अभिभावक शिक्षकों का सम्मान करेंगे तभी हमारे बच्चे भी सम्मान करना सीखेंगे। और आज के परिवेश में शिक्षक दिवस पर शिक्षा के सिद्धांत सेवा, संस्कृति एवं संस्कार को आत्मसात कर उनका मान बढ़ा सकते हैं। साथ ही दीपक ने बताया कि कर्मक्षेत्र में कई गुरु मिलते हैं, लेकिन मेरे जीवन में डॉ जी एन खान सर की भूमिका व्यक्तित्व निखारने में उपयोगी रहा है। जिनका जीवन चरित्र अनुकरणीय है।
इस दौरान विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रतिष्ठित समाजसेवी सह उड़ान एजुकेशन स्क्वाड के मजबूत स्तंभ अभिमन्यु सिंह ने बताया कि शिक्षक के बिना सफल जीवन की कामना बेमानी है। शिक्षक हमारे प्रथम आदर्श होते हैं, जिनसे हम कार्यशैली सीखते हैं। शिक्षक के बलबूते समाज एवं राष्ट्र के प्रणेताओं का निर्माण किया जाता है। हम सबों को शिक्षक के सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि ये शिक्षक छुट गये तो हमारी काबिलियत धरी की धरी रह जाएगी।
इस दौरान इंडियन रोटी बैंक के सेवादार परवेज अख्तर, महताब खान, डीएवी स्कूल के शिक्षक चंद्रशेखर पाण्डेय, नीरज श्रीवास्तव, तुषार घोस, यूएस तिवारी, राकेश कुमार, आरके चौबे, ए के पाण्डेय, चंदन कुमार, एस के पाण्डेय, दिनेश कुमार, एस पी गुप्ता, विकास कुमार, के राय, प्रदीप बोरा समेत कई गणमान्य उपस्थित थे।
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