झारखण्ड सरकार के पूर्व मंत्री के. एन. त्रिपाठी के द्वारा दिनांक 10 सितम्बर को सिंगरा की पावन भूमि से प्रारम्भ किया गया था जो कि आज यह यात्रा चैनपुर प्रखंड के मतौली, बोड़ी और करसों पंचायत के मतौली ग्राम के मतौली चौक से प्रारम्भ होकर बोड़ी, करसों इत्यादि ग्रामों से होकर गुजरेगी। उपस्थित जनसमूह ने पूर्व मंत्री त्रिपाठी का स्वागत गर्मजोशी के साथ किया गया।
श्री त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले दस सालों में चैनपुर प्रखंड का समुचित विकास नहीं हो पाया। इसका मुख्य कारण यह है कि विधानसभा में जब बजट पारित होता है तो दूसरे जिलों के जनप्रतिनिधि उसे मेजोरिटी के साथ अपने जिलों में ले जाते है और पलामू को पर्याप्त हिस्सा नहीं मिल पाता है और क्षेत्र का विकास अवरूद्ध हो जाता है।उन्होंने कहा जनहित की समस्या को पूरा तो करना ही है लेकिन पंच प्रतिज्ञा को भी पूरा करना हमारा लक्ष्य है।इस प्रतिज्ञा पत्र में पांच प्रमुख कार्य को पुरा करने के लिए ही मुझे विधायक बनना हैं। ताकि अगले जनरेशन आए तो कहें कि यह सारा काम विधायक,के० एन० त्रिपाठी ने किया था। जिससे कि हमारा जय जयकार हो और यश कीर्ति की प्राप्ति हो।य यही हमारा मुख्य उद्देश्य है। मुझे यही एकमात्र लालच है।जब चुनाव आता है तो दूसरे दलों के द्वारा अशिक्षित लोगों को बहला फुसलाकर कर , लालच देकर जाती पाती की बात करके बरगलाया जाता है और प्रलोभन देकर वोट तोड़ने का काम करते हैं। इसलिए आप लोग नेता चुने , जाति-पाति तो शादी विवाह करने के लिए होता है।आप ईमानदार और कर्मठ नेता को विधानसभा में भेजने का काम करिए जो काम करने वाला हो , आपके हिस्सों को अपने ताकत के बल पर बजट को पलामू में ला सके जिससे की पलामू और झारखंड का विकास हो।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक बुथ से 10 नवयुवकों को रोजगार देना हमारा पहला प्रतिज्ञा है जिसके लिए संकल्पित व प्रतिबद्ध हूं।
उन्होंने कहा कि हमारा दूसरा प्रतिज्ञा महिलाओं के लिए है जो कि जब मैं ग्रामीण विकास मंत्री था तो महिला स्वयं समूह का गठन किया थाऔर अपने हाथों से सभी समूह को व्यवसाय करने के लिए 15-15 हजार रुपए का चेक वितरित किया था जो आज सिर्फ और सिर्फ लोन देने और लोन भरने के लिए रह गया है। कोई व्यवसाय नहीं हुआ है।मैं महिलाओं से कहना चाहता हूं कि जहां समूह का निर्माण नहीं हुआ है वहां समूह गठित करें और जब मैं विधानसभा में जाउंगा तो प्रत्येक समूह को एक -एक लाख रुपए का वित्तिय सहायता समूह को प्रदान करूंगा जिससे कि उस समूह का व्यवसाय फल फूल सके। जिससे कि उनका परिवार सुखी संपन्न हो सकें।
हमारा तिसरा प्रतिज्ञा है पेयजल की समस्या से निजात दिलाने के लिए है जब मैं मंत्री था तो कोयल नदी को बांधने के लिए डि पी आर तैयार किया ही था कि आदर्श आचार संहिता लग गया और कार्य पूर्ण नहीं हो सका उसके बाद लोग सहानुभूति देकर दूसरा जनप्रतिनिधि चुन लिए और मैं चुनाव हार गया। जहां से मैं काम को छोड़ कर आया उसके बाद एक रत्ती भर विकास कार्य नहीं हुआ।
मेरा चौथा प्रतिज्ञा है कि स्वास्थ्य सुविधा मजबूत है। प्रायः हमेशा उचित स्वास्थ्य चिकित्सा नहीं रहने के कारण डाक्टर परामर्श में मरिजों को रेफर कर दिया जाता है जिससे कि रास्ते में ही मौत हो जाती है।हम प्रतिबद्ध है कि दिल्ली जैसा एक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण करें जिससे कि मरिज का समुचित इलाज यही हो सकें।दर -दर भटकना ना पड़े।
हमारा पांचवां प्रतिज्ञा है कि पंचायतों में बालू को फ्री करना है।आज बालू का यह हाल हो गया है कि जैसे बोरा में चिनी खरिद रहे हैं।बोरी में भर -भर कर बालू का उठाव कर बेचा जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों जैसे हवा , पानी मैं टैक्स कैसा ये तो प्रकृति से मिला है।बालू भी प्राकृतिक संसाधन हैं।जब मिट्टी का क्षय होता है तो बालू बनता है और बालू तो नदियों में बहता रहता है।
यह यात्रा झारखण्ड के विकास से जुड़े पांच मुख्य मुद्दों पर केंद्रित है, जो युवाओं, महिलाओं, किसानों और समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण से जुड़े हैं। श्री त्रिपाठी ने इन मुद्दों पर जोर देते हुए बताया कि यह यात्रा निम्नलिखित लक्ष्यों पर आधारित है:-
1. प्रत्येक बूथ से 10 युवाओं को नौकरी देना।
2. झारखण्ड आजीविका मिशन के तहत महिलाओं के लिए व्यवसाय हेतु 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करना।
3. किसानों के लिए सिंचाई की उचित व्यवस्था के लिए कोयल, ओरंगा, अमानत और सुकरी नदियों को जलाशयों से जोड़ना।
4. पलामू जिले में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण।
5. शहरों और ग्रामीण इलाकों में पेयजल की समस्या का समाधान, खासमहल की जमीन पर मालिकाना हक, और पंचायतों में मुफ्त बालू की व्यवस्था।
यह यात्रा केवल एक राजनीतिक पहल नहीं है, बल्कि डाल्टनगंज विधानसभा के विकास, सामाजिक सुधार और जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर एक गंभीर प्रयास है। श्री त्रिपाठी और उनकी टीम का यह प्रयास झारखण्ड के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक ठोस व महत्वपूर्ण कदम है।
इस यात्रा में मुख्य रूप से मतौली ग्राम से सीताराम बैठा, गोपाल बैठा , विनोद बैठा, विरेन्द्र बैठा, अशोक राम , बोड़ी ग्राम से इन्द्र पासवान, आस्तिक कुमार, अंजलि विमल , कामख्या तिवारी, रंजन दुबे, सोनू पासवान इत्यादि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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