सबके जीवन में आर्थिक आजादी के बिना राजनैतिक आजादी अधूरी : प्रगतिशील मगही समाज |Economic Freedom


पलामू।
25 सितम्बर 2024: प्राउटिष्ट सर्व समाज की अगुवाई में बुधवार को देशभर के 44 प्रमुख जन-गोष्ठी आधारित समाजों ने अपने-अपने जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना का आयोजन किया। इसी क्रम में एतिहासिक मगध क्षेत्र के अठारह जिलों में भी प्रगतिशील मगही समाज द्वारा धरना दिया गया। इस धरना के पश्चात एक आठ-सूत्री ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री, गृह मंत्री एवं बिहार के मुख्यमंत्री को जिला पदाधिकारी के माध्यम से भेजा गया।

धरने को संबोधित करते हुए प्रगतिशील मगही समाज के सचिव जगदीश सिंह ने कहा, "जब तक सबके जीवन में क्रय शक्ति की गारंटी नहीं मिलती, अर्थात शत-प्रतिशत रोजगार सुनिश्चित नहीं होता, तब तक राजनैतिक आजादी अधूरी और धोखा है। स्थानीय संसाधनों पर आधारित विकास और किसानों को कृषि को उद्योग का दर्जा दिए बिना सही मायने में आर्थिक स्वतंत्रता संभव नहीं है। आज भारत के गाँव देश के महानगरों में रहने वाले कुछ मुट्ठी भर लोगों के उपनिवेश जैसे बन गए हैं और इससे मुक्ति पाना अति आवश्यक है।

प्रगतिशील मगही समाज के अध्यक्ष, श्री विश्वनाथ ने कहा, "मगध एक एतिहासिक जन-गोष्ठी है और हमें इसे आत्मनिर्भर बनाना है। यह तभी संभव होगा जब मगध के संसाधनों को कच्चे रूप में बाहर जाने से रोकने के लिए सख्त कानून बने। इसके अलावा, मगही भाषा को मगध क्षेत्र में पढ़ाई, लिखाई और सरकारी कामकाज की भाषा बनाना अत्यावश्यक है, क्योंकि यह इस क्षेत्र के लोगों की आत्मा की भाषा है। उन्होंने मगध की गौरवशाली ऐतिहासिक धरोहर पर भी प्रकाश डाला और कहा कि मगध का पूरा भू-भाग, जिसे वर्तमान में बिहार के दस जिलों, झारखंड के आठ जिलों और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में विभाजित किया गया है, को फिर से एकजुट कर एक स्वतंत्र सामाजिक-आर्थिक इकाई का वैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिए। इस धरना कार्यक्रम में सैकड़ो लोगों ने भाग लिया।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने