तिरंगा रैली में की जाएगा तिरंगा फहराने की अपील:-
आम लोगों में देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देने एवं भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से हर घर तिरंगा अभियान के तहत तिरंगा रैली निकाल कर हर घर तिरंगा फहराने की अपील की जाएगी। रैली में आम लोगों के साथ-साथ एनसीसी कैडेट्स, नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवक एवं छात्र-छात्राएं शामिल होंगे।
देशभक्ति गीत, रंगोली एवं पेंटिंग्स में विद्यार्थी दिखाएंगे विभाजन का दंश:-
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के मौके पर विद्यार्थियों के बीच देशभक्ति गीत, रंगोली एवं पेंटिंग्स प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इन प्रतियोगिताओं में सभी छात्र-छात्राएं भाग ले सकते हैं। रचनात्मक कृतियों/प्रतिभाओं को प्रमाण पत्र के साथ-साथ पुरस्कृत भी किया जाएगा।
एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत होगा पौधारोपण:-
विश्व पर्यावरण दिवस पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के साथ ही दुनियाभर के लोगों से अपील करते हुए कहा था कि वे अपनी मां के साथ मिलकर या उनके नाम पर एक पेड़ जरूर लगाएं। उन्होंने इससे जुड़ी तस्वीर #Plant4Mother, #एक_पेड़_माँ_के_नाम के साथ जरूर साझा करने की भी बात कही थी। इसी के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 14 अगस्त को किया जाएगा।
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के बारे में:-
राष्ट्र के विभाजन के कारण अपनी जान गंवाने वाले और अपनी जड़ों से विस्थापित होने वाले सभी लोगों को उचित श्रद्धांजलि के रूप में, सरकार ने हर साल 14 अगस्त को उनके बलिदान को याद करने के दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन से देशवासियों की वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को विभाजन के दौरान लोगों द्वारा झेले गए दर्द और पीड़ा की याद आएगी। इस दिन को मनाने का उद्देश्य विभाजन के दौरान हुई त्रासदी को याद रखना, और उन लोगों को श्रद्धांजलि देना है जिन्होंने अपने प्रियजनों, घरों और जीवन को खो दिया था।
यह दिवस भारत के इतिहास में सबसे दर्दनाक और विनाशकारी घटनाओं में से एक की याद दिलाता है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजन के कारण लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, और करोड़ों लोग विस्थापित हुए। विभाजन मानव इतिहास में सबसे बड़े विस्थापनों में से एक है, जिससे लगभग 20 मिलियन लोग प्रभावित हुए। लाखों परिवारों को अपने पैतृक गांवों/कस्बों/शहरों को छोड़ना पड़ा और शरणार्थी के रूप में एक नया जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ा।
14-15 अगस्त, 2021 की आधी रात को पूरा देश 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा, लेकिन इसके साथ ही विभाजन का दर्द और हिंसा भी देश की स्मृति में गहराई से अंकित है। हालांकि, देश बहुत आगे बढ़ गया है और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। लेकिन देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। अपनी आजादी का जश्न मनाते हुए एक कृतज्ञ राष्ट्र, मातृभूमि के उन बेटे-बेटियों को भी नमन करता है, जिन्हें हिंसा के उन्माद में अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी।