झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संयोजक सतीश कुमार ने झारखंड सरकार से मांग की है कि चिन्हित आन्दोलनकारी को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर ताम्रपत्र व प्रशस्तिपत्र मोमेंटम अंग बस्त्र देकर सम्मानित करें। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि जल्द ही आन्दोलनकारियो के समस्या का समाधान करेंगे। बिधान सभा अध्यक्ष रबिन्द्र नाथ महतो ने जामताड़ा में लगभग 500 आन्दोलनकारी को सम्मानित किया है। मगर अब तक जेल जाने की बाध्यता व सम्मान पेंशन देने की योजना पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। राज्य के प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव से चिन्हित आन्दोलनकारी की सुची की मांग की है। हालांकि झारखण्ड सरकार ने 1लाख आन्दोलनकारी को चिन्हित करने की योजना बनाई थी मगर अब तक मात्र 30 प्रतिशत ही पुरा हुआ अभी 70 हजार आन्दोलनकारी को चिन्हित करना बाकी है और 14 जुलाई को झारखंड आंदोलनकारी चिन्हित आयोग को समाप्त कर दिया गया। अगर आयोग को 6माह का बिस्तारीत किया जाता तो सरकार अपने लक्ष्य के नजदीक पहुच पाती। मगर सरकार आन्दोलनकारियो के सवाल पर गंभीर नहीं हैं। चुनाव का समय आ गया सरकार अब भी नहीं चेतती तो खामियाज़ा भूगतने के लिए तैयार रहे। बिधान सभा व लोक सभा का विशेष सत्र बुलाकर सांसद और विधायक अपने वेतन को कई बार बढ़ोतरी की मगर अपने सब कुछ न्यौछावर कर अलग राज्य के आन्दोलनकारियो के समस्या पर निर्णय लेने की जरूरत ही नहीं समझे। 24 साल राज्य बने हो गया कई आन्दोलनकारी अब काल के गाल में समा गय। मगर कोई भी सरकार का चिन्ता का विषय नही बना। सरकार अबिलंम्ब आन्दोलनकारी के सवाल पर ठोस निर्णय लेकर मान सम्मान और स्वाभिमान का रक्षा करे व स्वतंत्रता सेनानियों के जैसा सभी सुविधाएं उपलब्ध कराये।राज्य के सभी जिला के उपायुक्त को निर्देश दे, स्वतंत्रता दिवस पर ताम्रपत्र और प्रशस्ति पत्र देकर आन्दोलनकारी को सम्मानित करे।
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