✍️धनंजय तिवारी
पलामू। लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के साथ आदर्श अचार संहिता की समाप्ति की घोषणा हो गई। अब झारखण्ड अलग राज्य के आन्दोलनकारियो के जायज मांगो को पुरा करे सरकार। झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संयोजक सतीश कुमार ने महामहिम राजपाल व राज्य के मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन को पत्र लिखकर सरकार के पुर्व घोषित आश्वासन को पूरा करते हुए हमारी मांग पर विचार करे। झारखंड के मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन आन्दोलनकारी इनके पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन आन्दोलनकारी, पार्टी के नेतृत्व में कई नेता झारखण्ड आन्दोलनकारी तो भी आन्दोलनकारी की दर्द इनके समझ के परे है। मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन ने कहा है कि अचार संहिता समाप्त होने के बाद आन्दोलनकारी के मान-सम्मान व स्वाभिमान के लिए कदम उठायेंगे। झारखंड राज्य के स्थापना के 24 साल बीत जाने के बाद भी अब तक आन्दोलनकारी को सरकार चिन्हित नहीं कर पायी है। चिन्हितिकरण आयोग का गठन हुआ है जिसका कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है अब तक अपनी कार्य को आयोग पुरा नही कर पाए हैं। आन्दोलनकारी की जायज मांग जेल जाने के शर्त को समाप्त कर चिन्हित आन्दोलनकारी को 50-50 हजार पेन्शन निर्धारित करे। झारखंड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानियों के जैसा सभी सुविधाएं मुहैया कराये। थर्ड व फोर्थ ग्रेड के सभी नियुक्ति मे आन्दोलनकारी के आश्रितों को आरक्षण मिले। आन्दोलनकारी को म्रत्यु के पश्चात राजकीय सम्मान दिया जाय। जल जगंल जमीन पर अधिकार हो। सभी आन्दोलनकारी को सरकारी आवास मुहैया कराया जाए। समता जजमेंट लागू कर तमाम प्राकृतिक उपज पर जनता को 26% अधिकार दिया जाय।
पत्र के माध्यम से महामहिम राजपाल, मुख्य मंत्री व सरकार के प्रधान सचिव को भेज कर मांग की गई है।आजसू पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने आन्दोलनकारियो के मांग को सड़क से सदन तक लगातार उठाया है।
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