नीट में चिट की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच अवश्य होनी चाहिए : शत्रुघ्न कुमार शत्रु |CBI investigation under the supervision of Supreme Court


झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने आज मेदिनीनगर के पटेल नगर स्थित आवास पर प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर देशवासियों को बकरीद की शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी व भाजपाइयों की मिलीभगत से मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के लिए देशस्तर पर आयोजित यूजी नीट एक्जाम (2024) में बहुत बड़े पैमाने पर चिट (स्कैम) की सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर रिट को अस्वीकार करना इंडियन डेमोक्रेसी के लिए फीट नहीं है। नीट स्कैम की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच करते हुए इस सबसे बड़े मेधा घोटाले से जुड़े परीक्षा को शीघ्र रद्द कर नये सिरे से रिएक्जामिनेशन सेड्यूल की घोषणा सरकार को करनी चाहिए।
        प्रेस को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि देश भर के 4750 परीक्षा केन्द्रों पर संचालित नीट की परीक्षा प्रक्रिया के सम्पादन में एनटीए द्वारा बार-बार बदलते बयानों से उसकी विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।
       प्रेस को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नीट के 67 परीक्षार्थियों द्वारा सर्वोच्च 720 अंक लाकर टाॅप करने की घटना अविश्वसनीय व अप्रत्याशित है।एनटीए को यह अवश्य बताना चाहिए कि जो छात्र आईएससी में तो फेल हो जाता है, लेकिन नीट एक्जाम में टाॅपर की श्रेणी में आता है? ऐसा क्यों?
          वार्ता को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात के गोधरा, राजस्थान के जोधपुर व बिहार के पटना में नीट एक्जाम के पेपर लीक के संदर्भ में ब्लैंक चेक समेत लाखों रुपए की बरामदगी से इस देश में पैरवी पुत्र-पुत्रियों को डाक्टर बनाने के सत्ताधारी प्रहसन का पर्दाफाश हो गया है।सबको पता है कि डोनेशन के जरिए यह तबका निजी मेडिकल संस्थानों में तो यह खेल आसानी से खेल रहा था, लेकिन अब भाजपाईयों के संरक्षण में ऐसे मूर्ख मार्तण्ड अब सरकारी मेडिकल काॅलेजों में सरकारी सहयोग से डाक्टर बनकर  मोदी भैक्सीन का चुना लगायेंगे?यह दुख की बात है कि इस देश में यूपीएससी समेत राज्य स्तर के प्रशासनिक सेवाओं तक की प्रतियोगिता परीक्षाओं में पैरवी पुत्रों की भरमार होती जा रही है।अब तो लेटरल इंट्री के जरिए लम्पट शासक वर्ग बिना परीक्षाओं के भी आईएएस बनाकर कारपोरेट के दलालों को केन्द्रीय मंत्रालय सौंपा रहा है।अगर संघ,भाजपा व गुणवत्ता युक्त शिक्षा के दुश्मनों का यही रवैया जारी रहा तो आईआईटी व आईआईएम जैसे संस्थानों में भी पैरवी पुत्रों का साम्राज्य फैल जाएगा?
        प्रेस वार्ता के अंत में उन्होंने कहा कि पिछले 4 जून को भारतीय लोकतंत्र का निकृष्ट खलनायक पीएम मोदी ने एक तरफ ईवीएम में भीषणतम हेराफेरी करवाकर एनडीए को येन-केन प्रकारेण बहुमत  दिलवाया,वहीं दूसरी तरफ इस देश के 23 लाख से ज्यादा नीट परीक्षार्थियों के सुनहरे सपनों को रौंदते हुए पैरवी पुत्रों को डाक्टर बनाने के लिए घोर विवादास्पद नीट का रिजल्ट जारी करवाकर प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं के सपनों पर पानी फेर दिया। निश्चित तौर पर झारखण्ड क्रांति मंच प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व मानव संसाधन विकास मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान,व एनटीए के सभी जिम्मेदार अधिकारियों से इस्तीफा मांगते हुए देश भर के छात्र-छात्राओं के पक्ष में समर्थन व्यक्त करता है।

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