✍️धनंजय तिवारी
प्रतिनिधि, पलामू : जिले के छतरपुर थानाक्षेत्र के खेन्द्रा पंचायत के भौंराहा पहाड़ी में गुरुवार को दुपट्टा के फंदे से बंधा पेड़ से लटकता हुआ एक नर कंकाल बरामद किया गया है । छतरपुर पुलिस ने यह नर कंकाल स्थानीय ग्रामीणों की सूचना पर बरामद किया । बाद में कपड़े, चप्पल, माला, बाल आदि से इस नर कंकाल की पहचान खेन्द्रा गांव के बेलवाटांड़ टोला निवासी बिरजू भूईयां की लगभग 18 वर्षीया बेटी खुशी कुमारी के रूप में हुई है । पुलिस ने शव को बरामद करके पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है ।
अत्यंत गरीब परिवार की खुशी लगभग 25 दिन से गायब थी
बिरजू भूईयां का परिवार अत्यंत गरीब है । पेट भरने के लिए घर के बालिग से लेकर नाबालिग सदस्य तक दिहाड़ी मजदूरी करते हैं । खुशी भी दिहाड़ी मजदूर थी । बताया जा रहा है कि खुशी का एक लड़के से प्रेम प्रसंग चल रहा था । इसकी जानकारी घर वालों को हुई । इसी प्रेम प्रसंग पर विराम लगाने की नीयत से उसके परिजनों ने लगभग 25 दिन पूर्व खुशी को डांटा था और वह घर से जो निकली तो फिर वापस घर नहीं लौटी । इस बीच उसके परिजनों ने उसकी खोजबीन भी की । लेकिन वह नहीं मिली ।
मछली मारने जा रहे लोगों ने पेड़ से लटकता हुआ लड़की का कंकाल देखा तो यह खबर दूर तक फैल गयी
गुरूवार को मछली मारने के लिए कुछ लोग उक्त पहाड़ी के रास्ते जा रहे थे तो चिलबिल के पेड़ से लटकते हुए एक युवती के कंकाल पर उनकी नजर पड़ी । उन्होंने अन्य लोगों को इसकी सूचना दी । फिर कंकाल देखने के लिए आसपास के दर्जनों लोग वहां इकट्ठा हो गये । बताया जा रहा है कि उन लोगों में खुशी का पिता भी था जिसने सबकुछ गौर से देखा, लेकिन चुप रहा ।
खुशी के गायब होने की जानकारी परिवार वालों ने पड़ोसियों को क्यों नहीं दी?
खुशी के घर में न देखकर पड़ोसियों ने जब उसके परिजनों से पूछा तो उसके परिजनों ने कह दिया कि वह अपने बड़ी बहन की ससुराल चली गई है । लेकिन, कुछ दिन बाद जब बड़ी बहन लौटी और उसके साथ खुशी नहीं लौटी तब गांव वालों को संदेह हुआ । दरअसल, खुशी के गायब होने की जानकारी उसके परिवार वालों ने पड़ोसियों अथवा गांव वालों को नहीं दी । आखिर क्यों ? पहला तो इसलिए कि मृतका का परिवार अत्यंत गरीब है। वह सामाजिक और कानूनी पचड़े में पड़ना नहीं चाहा होगा । दूसरा यह कि परिजनों को यह लगा होगा कि वह किसी लड़के के साथ भाग गयी होगी । इज्जत की बात थी और खुशी के छोटे भाई की शादी तय हो चुकी है । शादी कट न जाए, इस वजह से भी उसके परिजन चुप रहे होंगे ।
शव को आधे से अधिक खा चुके थे जंगली जानवर, शव का निचला हिस्सा जमीन पर था
खुशी के शव का निचला हिस्सा जमीन पर था । मौके पर जमा ग्रामीणों ने आशंका जाहिर की कि कहीं दरिदों ने इस बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म न किया हो और फिर हत्या करके शव को पेड़ से लटका न दिया हो ।
मानसिक रूप से बीमार थी खुशी
थाना प्रभारी राजेश रंजन ने खुशी के परिजनों के हवाले से कहा कि उसके परिजनों का कहना है कि वह मानसिक रूप से बीमार थी और पहले भी छोटी छोटी बात पर घर से भाग चुकी है । लेकिन पुलिस हर कोण से मामले की पड़ताल करेगी ।