प्रतिनिधि, पलामू : जिले के उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि पलामू में गर्मी के मौसम की शुरुआत हो चुकी है।इस मौसम मे पछुआ हवा चलने की संभावना बनी रहती है।ऐसी स्थिति में मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में आगलगी की घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। अग्निकाण्ड से घर,खेत खलिहान एवं जान-माल को भारी क्षति पहुंचती है तथा सब कुछ पूरी तरह से बर्बाद हो जाता है।उन्होंने कहा कि थोड़ी सी सावधानी बरतने से अग्निकाण्ड से होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि अग्निकाण्ड से बचाव हेतु निम्न कार्य किया जा सकता है।
• रसोई घर यदि फूस का हो,तो उसकी दीवार पर मिट्टी का लेप अवश्य कर दें।
• दिन का खाना सुबह 9 बजे से पूर्व तथा रात का खाना शाम 6 बजे के बाद बनायें ।
भोजन बनाने के बाद चूल्हे की आग पूरी तरह से बुझा दें ।
• आग बुझाने के लिए बालू अथवा भूर-भूरी मिट्टी को बोरे में भर कर तथा खाना बनाने के स्थान पर दो बाल्टी पानी अवश्य रखें।
• रसोई घर की छत ऊँची रखी जाय जिससे आग का सम्पर्क न हो सके ।
पूजा, हवन आदि का काम सुबह निपटा लें।
• फसल कटनी के बाद खेत मे छोड़े गये डण्ठलों मे आग नही लगाएं ।
• दीपक, दीया, लालटेन, मोमबत्ती, अगरबत्ती को ऐसी जगह पर न रखें, जहाँ से गिर कर आग लगने की संभावना हो । शॉर्ट सर्किट की आग से बचने के लिए बिजली वायरिंग की समय से मरम्मत करा लें ।
गैस के लीक होने की स्थिति में सभी खिड़कियों के दरवाजे खोल दें एवं माचीस का प्रयोग भूल से भी न करें।
• घर मे किसी भी उत्सव के लिए लगाये गये कनात अथवा टेण्ट के नीचे से बिजली के तार न ले जायें। • जलती हुई माचीस की तीली अथवा अधजली बीड़ी एवं सिगरेट पी कर इधर-उधर न फेकें।माचीस को बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
• जहाँ पर सामूहिक भोजन इत्यादि का कार्य हो रहा हो,वहाँ पर दो से तीन ड्रम पानी अवश्य रखा जाय । भोजन बनाने का कार्य तेज हवा के समय न किया जाय ।
• ढीले-ढाले और पॉलिस्टर के कपड़े पहन कर खाना न बनायें ।हमेशा सूती कपड़े पहन कर ही खाना बनायें
• सार्वजनिक स्थलों, ट्रेनों एवं बसों आदि मे ज्वलनशील पदार्थ लेकर न चलें ।
• ग्रामीण क्षेत्रों मे हरा गेंहूँ,चना,मटर आदि बच्चे लाकर भूनते हैं।ऐसे मे आग लगने से बचने के लिए उन पर निगरानी अवश्य रखें।
आग लगने पर समुदाय के सहयोग से आग बुझाने का प्रयास करें।
अगर कपड़े में आग लगे तो जमीन पर लेट कर आग बुझाने का प्रयास करें ।
आग लग जाने से यदि भवन के अंदर धुआँ भर गया है तो सांसों की घुटन से बचने के लिए नीचे झुक कर या रेंगते हुए बाहर निकलें।
खाना बनाते समय जलते चूल्हे को छोड़कर कभी कोई दूसरे कार्य के लिए न जायें
चूल्हे की छाई या राख को कभी भी फूस के घर अथवा खरपतवार से सटा कर न फेंके।
किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में पुलिस सहायता के लिये 100, अग्नि शमन सहायता के लिए 101, एम्बुलेंस की सहायता के लिये 102 एवं कन्ट्रोल रुम के लिये 06562-231589 नम्बर पर सम्पर्क करें।